क्षेत्रीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान केन्द्र, पोर्ट ब्लेयर के विषय में
भारतीय आयुर्विज्ञान अुनसंधान परिषद, नई दिल्ली के छे क्षेत्रीय केन्द्रो में से एक क्षेत्रीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान केन्द्र (आई.सी.एम.आर) पोर्ट ब्लेयर, है। इस केन्द्र की स्थापना सन् 1983 में अण्डमान तथा निकोबार द्वीप समूह में प्रचलित संक्रामक व गैर संक्रामक रोगो की जैव-स्वास्थ्य अनुसंधान कार्यान्वयन उददेश्य के लिए विशेष रूप से स्थानीय आदिवासियों के स्वास्थ्य समस्याओं पर तथा तकनीकी जनबल तैयार करने हेतु की गई थी। परंतु, गत दो पंचवर्षीय योजनाओ से, इस केन्द्र ने अपने कार्य को मान्यता दिलाई तथा अपनी उददेश्य की प्राप्ति हेतु तेजी से आगे बढा।
दृष्टि
इस केन्द्र की स्थापना दिनाँक 1 अप्रेल 1983 में जैव-स्वास्थ्य अनुसंधान करने व विशेष रूप से स्थानीय आदिवासियों के स्वास्थ्य समस्याओं के निदान हेतु की गई थी। सन् 1983 तक पोर्ट ब्लेयर में राष्ट्रीय हैजा संस्थान कोलकाता की एक फील्ड स्टेशन कार्य कर रही थी, जब इसका विलय क्षेत्रीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान केन्द्र के साथ किया गया। यह केन्द्र अब्रडीन बाजार स्थित एक किराये के मकान पर कार्य कर रहा था। उस समय इस केन्द्र मे नैदानिक अनुसंधान हेतु अल्पतम प्रयोगशाला सुविधाए उपलब्ध थी।
लक्ष्य
स्थानीय तौर पर प्रचलित संक्रामक व गैर संक्रामक रोगो की जैव-स्वास्थ्य अनुसंधान कार्यान्वयन हेतु विशेष रूप से स्थानीय आदिवासियों के स्वास्थ्य समस्याओं पर तथा तकनीकी जनबल तैयार करने हेतु कार्य करना।
क्षेत्रीय स्वास्थ्य अनुसंधान केन्द्र
राष्ट्रीय सन्दर्भ पर खास भूमिका वाली गतिविधियो के अलावा इस केन्द्र की मूलभूत दायित्व, अण्डमान तथा निकोबार द्वीप समूह की क्षेत्रीय जैव स्वास्थ्य अनुसंधान केन्द्र को भी निभाना है। इसलिए संक्रामक व गैर संक्रामक रोगो पर कई अनुसंधान कार्यक्रम जोकि द्वीपवासियों के स्वास्थ्य के नजरिये से खास है चलाये जा रहे है । इनमें अप्रत्यक्ष रोग, अतिसारजनित रोग हदयवाहिकामय तथा अन्य गैर संक्रामक रोग व पोषण सम्मलित है।